मुफलिसी से निकलकर बनाई खुद की पहचान, देश का भविष्य हैं रिंकू सिंह
12 अक्टूबर 1997 को अलीगढ़ में जन्मे रिंकू सिंह का बचपन काफी मुफलिसी में बीता। रिंकू के पिता गैस वेंडर का काम करते थे। घर-घर जाकर वह सिलेंडर पहुंचाते।
एक ओर मुश्किल से परिवार का गुजर-बसर हो रहा था, तो दूसरी तरफ रिंकू का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था। वह बस एक क्रिकेटर बनना चाहते थे।
रिंकू सिंह ने साल 2014 में घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया, जहां शानदार प्रदर्शन के बाद साल 2018 में उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खेलने का मौका मिला। इस लीग ने ही उनकी जिंदगी बदल दी।
रिंकू सिंह ने आईपीएल 2023 में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की ओर से खेलते हुए गुजरात टाइटंस के विरुद्ध लगातार 5 गेंदों पर छक्के लगाकर सनसनी मचा दी। इस पारी ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया।
रिंकू सिंह ने आईपीएल करियर में 58 मैच खेले, जिसमें 30.53 की औसत के साथ 1,099 रन बनाए। इस दौरान चार अर्धशतक भी जमाए।
इसी साल रिंकू सिंह को भारतीय टीम में मौका मिल गया। अगस्त में उन्होंने टी20, जबकि दिसंबर में वनडे डेब्यू किया।
रिंकू सिंह एक ऑलराउंडर के रूप में अपनी टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हुए। बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों में संतुलन बनाए रखने का माद्दा रखने वाले इस छोटे कद के खिलाड़ी के पास बड़े-बड़े शॉट्स लगाने की क्षमता है। तेज रन बनाने के साथ-साथ दबाव वाली परिस्थितियों में भी रिंकू सिंह ठोस प्रदर्शन करते हैं।
दूसरी ओर, रिंकू सिंह की मध्यम गति की गेंदबाजी में सटीक लाइन-लेंथ और गेंद को स्विंग या कट कराने की क्षमता बल्लेबाजों को परेशान करती है।
पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप 2025 के फाइनल में रिंकू सिंह ने महज एक गेंद खेली, जिसमें चौका लगाकर हीरो बन गए। उनके इस शॉट को शायद ही कोई फैन भूल सके।
रिंकू सिंह भारत की ओर से 2 वनडे मैच खेल चुके हैं, जिसमें 55 रन बनाने के अलावा, एक विकेट भी हासिल किया। वहीं, 34 टी20 मुकाबलों में उन्होंने 42.30 की औसत के साथ 550 रन जुटाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 3 अर्धशतक भी निकले। इस फॉर्मेट में रिंकू देश के लिए 2 विकेट ले चुके हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप 2025 के फाइनल में रिंकू सिंह ने महज एक गेंद खेली, जिसमें चौका लगाकर हीरो बन गए। उनके इस शॉट को शायद ही कोई फैन भूल सके।
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दबाव में भरोसेमंद प्रदर्शन करने वाले रिंकू सिंह अपनी मानसिक मजबूती के जरिए विपक्षी खिलाड़ियों को परेशान करते हैं। डेथ ओवर्स में तेज रन बनाकर वह टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करते हैं। जरूरत पड़ने पर रिंकू सिंह विकेट लेने या रन रोकने में टीम को एक अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में यह खिलाड़ी भविष्य में भारतीय टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। बशर्ते उन्हें टीम में कुछ अधिक मौका दिया जाए।