टीम इंडिया को सबकुछ भुलाकर लौटना होगा जीत की राह पर

Updated: Sat, Jan 31 2015 02:46 IST
Mahendra Singh Dhoni ()

नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.) । तमाम विवादों के बीच भारत और इंग्लैंड कल से चौथे टेस्ट के लिए आमने-सामने होंगे। खासकर भारतीय टीम का यह दौरा धीरे-धीरे कठीन होता जा रहा है। लार्ड्स में मिले जीत की खुशी भारतीय टीम ज्यादा मना भी नहीं पायी थी कि तीसरे टेस्ट में 266 रन से हारने के बाद भारत को दोहरा झटका तब लगा जब आईसीसी द्वारा नियुक्त जांच आयुक्त ने एंडरसन को दोषी करार नहीं दिया। इन दोहरे झटकों से उबरकर महेंद्र सिंह धोनी की टीम को अब जीत की राह पर लौटना होगा ।

श्रृंखला फिलहाल 1-1 से बराबर है लेकिन मैदान पर खराब प्रदर्शन और मैदान के बाहर एक लड़ाई हारने के कारण टीम की स्थिति खराब है। भारत को 2007-08 के ऑस्ट्रेलिया दौरे से प्रेरणा लेनी होगी जब आखिरी बार कोई भारतीय क्रिकेटर लेवल तीन के अपराध के मामले में शामिल था

धोनी पूर्व कप्तान अनिल कुंबले का अनुसरण करना चाहेंगे जिन्होंने न सिर्फ मैदान से बाहर मजबूती से अपना पक्ष रखा बल्कि मैदान पर भी टीम को पर्थ टेस्ट में 72 रन से जीत दिलाई। बीसीसीआई और ईसीबी के तमाम प्रयासों के बावजूद धोनी ने जडेजा का समर्थन किया। अब उन्हें मैदान के भीतर भी मोर्चे से अगुवाई करनी होगी। सात साल बाद भी एंड्रयू साइमंड्स और हरभजन सिंह का विवाद सभी को याद है। ऑस्ट्रेलिया ने उस सीरीज में भारत को 2-1 से हराया था। इसी तरह की हार से विदेश में धोनी का टेस्ट क्रिकेट में रिपोर्ट कार्ड और खराब हो जायेगा जिसका आगाज 2011 से हो गया था। धोनी की परेशानियों का हल भी उसी श्रृंखला में है। ट्रेंट ब्रिज और लॉर्डस में भारत ने पांच गेंदबाजों को उतारा था और यह रणनीति आखिरी बार उसी श्रृंखला में एडीलेड में आजमाई गई थी।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/गोविन्द

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