रविवार को अपने ऐतिहासिक 100वें टेस्ट मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने अपने करियर के उतार-चढ़ाव और चोटों से जूझने के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने चुनौतियों को पार करते हुए टेस्ट क्रिकेट में अपनी स्थायी छाप छोड़ी। स्टार्क ने इस उपलब्धि को "बड़ा सम्मान" करार दिया और कहा कि वह इस पर तब विचार करेंगे जब वह खेल से संन्यास लेंगे।
रविवार को किंग्स्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में मैदान पर उतरते ही स्टार्क यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज बन जाएंगे। इससे पहले ग्लेन मैक्ग्रा यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। डे नाइट मैच में ऑस्ट्रेलिया के पास सीरीज में क्लीन स्वीप करने का भी मौका होगा।
स्टार्क ने अपने 100वें टेस्ट मैच से पहले क्रिकेट.कॉम.एयू से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने अपनी शारीरिक देखभाल और दृढ़ता के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "मैंने अपने शरीर का ध्यान रखा है और चोटों के बीच खुद को फिट रखने के तरीके खोज पाया जिससे मैं टीम के लिए उल्लेखनीय योगदान दे सकूं।"