वर्ल्ड कप इतिहास : इन खिलाड़ियों ने दिखाया था असाधारण खेल
वर्ल्ड कप के इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी हुए जिन्होंने अहम मौचों में शानदार प्रदर्शन कर अपनी टीम को जीत दिलाई है।
वर्ल्ड कप के इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी हुए जिन्होंने अहम मौचों में शानदार प्रदर्शन कर अपनी टीम को जीत दिलाई है। ये वह खिलाड़ी थे जिनसे वर्ल्ड कप से पहले कोई खास उम्मीद नहीं जताई गई थी लेकिन इन खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप अहम मुकाबलों में सबको चौंकाते हुए शानदार प्रदर्शन किया और टीम को जीत दिलाई। आइए एक नजर डालते हैं हर वर्ल्ड कप के ऐसे खिलाड़ियों पर
गैरी गिल्मर : गैरी गिल्मर ने अपने वनडे करियर में केवल 5 वनडे मैच ही खेल पाए थे। वर्ल्ड कप 1975 में ऑस्ट्रेलिया के इस बायें हाथ के गेंदबाज ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी बेहतरीन स्विंग गेंदबाजी से इंग्लैंड के टॉप 6 बल्लेबाजों कa पवेलियन की राह दिखाकर सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई थी। उनकी गेंदबाजी का ही कमाल था कि इंग्लैंड की पूरी टीम केवल 93 रन के स्कोर पर धराशायी हो गई थी। फाइनल में भी गैरी गिल्मर ने बेहद ही उम्दा गेंदबाजी करते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ 48 रन देकर 5 विकेट लिए थे। हालांकि वेस्टइंडीज फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बना लेकि गैरी गिल्मर की सेमीफाइनल और फाइनल में की गई गेंदबाजी वर्ल्ड कप के इतिहास में अमर हो गई ।
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कॉलिस किंग : वेस्टइंडीज क्रिकेट में विवियन रिचर्ड्स के बेहतरीन प्रदर्शन और रिकॉर्ड के सामनें किसी भी खिलाड़ी का अपने नाम को क्रिकेट जगत के सामने लाना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं था। लेकिन 1979 वर्ल्ड कप में कॉलिस किंग ने उन्होंने शानदार पारी खेली थी। हालांकि इस मैच में विवियन रिचर्ड्स ने शानदार शतक लगाते हुए नाबाद 138 रन की पारी खेली थी। लेकिन इस मैच में किंग की पारी ज्यादा अहम थी। क्योंकि कॉलिस किंग ने यह पारी उस समय खेली थी जब वेस्टइंडीज 99 रन पर 4 विकेट खोकर मुश्किल में फस गई थी। किंग ने 66 गेंदों में 86 रन की बेहतरीन पारी खेलकर वेस्टइंडीज को बड़ा स्कोर खड़ा करने में मदद की थी। वेस्टइंडीज इस मैच में इंग्लैंड को 92 रन से हराकर वर्ल्ड चैंपियन बना था।
यशपाल शर्मा : 1983 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के 213 रन का पीछा करते हुए भारतीय पारी के शुरूआती विकेट जल्द आउट हो जाने के बाद मैदान पर बल्लेबाजी करने आए यशपाल शर्मा ने 61 रन की पारी खेली थी। यशपाल ने मोहिंदर अमरनाथ और संदीप पाटिल के साथ मैच जिताऊ साझेदारी कर भारत को मैच जीताने में असाधारण योगदान दिया था। यशपाल शर्मा ने बेहद ही उम्दा फिल्डिंग परफॉर्मेंस करके भारत को फाइनल का टिकट दिलाने में अहम रोल निभाया था। वर्ल्ड चैंपियन वेस्टइंडीज के खिलाफ वर्ल्ड कप के शुरूआती मैच में 89 रन ठोककर यशपाल शर्मा ने भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतने की नींव रख दी थी।
माइक वेलेटा : ऑस्ट्रेलिया के माइक वेलेटा विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में 1987 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ तेजी से 48 रन औऱ फाइनल में 45 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड चैम्पियन बनानें में तुरूप के इक्का साबित हुए थे। माइक वेलेटा की ऐन मौके पर शानदार बल्लेबाजी का ही नतीजा था कि ऑस्ट्रलिया सेमीफाइनल और फाइनल में बेहद ही कम अंतराल से मैच जीतकर इतिहास लिखने में सफल हुई थी।
क्रिस हैरिस : 1992 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड की टीम में कई शानदार खिलाड़ी थे पर क्रिस हैरिस ने अपने स्लो तेज गेंदबाजी से हैरत भरा परफॉर्मेंस कर न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। पूरे टूर्नामेंट में क्रिस हैरिस ने अपनी गेंदबाजी का शानदार नमूना पेश करते हुए 16 विकेट अपनी झोली में डाले थे। अपनी गेंदबाजी में विविधता लाने की रणनीति के तहत क्रिस हैरिस ने विपक्षी बल्लेबाजों को खूब परेशान किया था।
डेमियन फ्लेमिंग : भारत के खिलाफ मुंबई में हुए मैच में फ्लेमिंग ने 5 विकेट लेकर भारत से मैच छिन लिया था। भारत के सचिन तेंदुलकर ने 90 रन की पारी खेलकर भारत को जीत के दरवाजे पर पहुंचा दिया पर अचानक से डेमियन फ्लेमिंग की गेंदबाजी ने भारत के बल्लेबाजों को धराशायी कर सचिन के संघर्षभरी पारी का रंग फिका कर दिया था। सेमीफाइनल में जब वेस्टइंडीज को 5 गेंद पर 6 रनों की जरूरत थी तभी फ्लेमिंग ने 2 गेंद पर 2 विकेट लेकर वेस्टइंडीज की हार तय कर दी थी।
ज्योफ एलॉट : न्यूजीलैड के ज्योफ एलॉट ने 1999 वर्ल्ड कप में अपनी स्विंग गेंदबाजी के जाल में फंसाकर विपक्षी टीमों को हैरत में डालने वाले तेज गेंदबाज ज्योफ एलॉट शेन वार्न के साथ 20 विकेट लेकर संयुक्त रूप से सबसे सफल गेंदबाज बने थे। ज्योफ एलॉट की गेंदबाजी का ही कारनामा था कि न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था.
एंडी बिचेल : ऑस्ट्रेलिया की टीम में बेहतरीन तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा और ब्रेट ली के होने से किसी दूसरे गेंदबाज के लिए क्रिकेट पंडितों और प्रसंशकों के नजर में आना बेहद ही मुश्किल होता था। एंडी बिचेल ने वर्ल्ड कप 2003 में शानदार गेंदबाजी कर ऐसे कारनामें को अंजाम दिया था। इंग्लैंड के खिलाफ मैच में 20 रन देकर 7 विकेट झटकर एंडी बिचेल ने अपने गेंदबाजी से बेहतरीन काम किया था जब ऑस्ट्रेलिया की टीम इंग्लैंड के 204 रन का पीछा करने उतरी तो 8 विकेट 135 रन पर गिर गए थे। ऐसे में एंडी बिचेल ने 34 रन की असाधारण पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई थी।
चमारा सिल्वा : 2007 वर्ल्ड कप में जहां श्रीलंका के टीम में जहां कुमार संगाकारा, सनथ जयसूर्या और कप्तान महेला जयवर्धने जैसे दिग्गज बल्लेबाज थे। इन दिग्गज बल्लेबाजों के बीच शानदार बल्ल्बाजी कर टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन बनानें वाले बल्लेबाजों में एक नाम चमारा सिल्वा का भी था। 4 हाफ – सेंचुरी बनाकर चमारा ने अपने बल्लेबाजी से शानदार कारनामा किया था।
टिम साउथी : न्यूजीलैंड ने 2011 वर्ल्ड कप में शानदार गेंदबाजी कर न्यूजीलैड को सेमीफाइनल में पहुंचाने के लिए बेहद ही कारगर भूमिका अदा करी। पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी औऱ भारत के जहीर खान के 21 विकेट लेने के के बाद टीम साउथी दूसरे सबसे सफलतम गेंदबाज थे. टीम साउथी ने 17 विकेट पर अपने नाम की मोहर लगाई थी।
विशाल भगत/CRICKETNMORE