भारत सरकार ने साल 2025 में राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) अधिनियम, 2025 बनाए। इन कानूनों का उद्देश्य खेल प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और खिलाड़ियों के कल्याण को बढ़ावा देना है। खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इसे 'आजादी के बाद सबसे बड़ा सुधार' बताया है।
राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम, जुलाई 2025 में लोकसभा में पेश किया गया और अगस्त में दोनों सदनों से पारित होने के बाद कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। यह भारत का पहला कानून है, जो 2011 के राष्ट्रीय खेल विकास संहिता को कानूनी रूप प्रदान करता है। इसके मुख्य प्रावधानों में राष्ट्रीय खेल बोर्ड का गठन शामिल है, जो राष्ट्रीय खेल निकायों को मान्यता प्रदान करेगा। नए कानून के मुताबिक मान्यता प्राप्त निकाय ही सरकारी फंड प्राप्त कर सकेंगे। हर निकाय में 15 सदस्यीय कार्यकारी समिति होगी, जिसमें कम से कम चार महिलाएं और दो एथलीट शामिल होंगे। उम्र सीमा 70 वर्ष रखी गई है, जो कुछ मामलों में 75 साल हो सकती है।
इस अधिनियम से खेल संघों में एथिक्स कमिटी, विवाद समाधान कमिटी, और एथलीट्स कमिटी का गठन अनिवार्य होगा। राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण की स्थापना की गई है, जो सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में खेल संबंधित विवादों का शीघ्र निपटारा करेगा। कानून खेल निकायों को आरटीआई के दायरे में लाता है। ई-स्पोर्ट्स को भी मान्यता मिली है, जो डिजिटल युग में खेल को विस्तार देगा।