जगमोहन डालमिया बीसीसीआई अध्यक्ष व अनुराग ठाकुर बने सचिव
चेन्नई, 02 मार्च (CRICKETNMORE) । वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक जगमोहन डालमिया को आज सर्वसम्मति से बीसीसीआई का अध्यक्ष चुन लिया गया। वहीं, अनुराग ठाकुर बोर्ड की सालाना आम बैठक में आज संजय पटेल को पछाड़कर सचिव चुने गए । हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के प्रमुख ठाकुर की अप्रत्याशित जीत को छोड़कर चुनाव में सभी पदों पर श्रीनिवासन गुट का पलड़ा भारी रहा । श्रीनिवासन उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के कारण खुद चुनाव नहीं लड़ सके ।
झारखंड क्रिकेट संघ के अमिताभ चौधरी गेावा के चेतन देसाइ को पछाड़कर संयुक्त सचिव चुने गए । वहीं हरियाणा के अनिरूद्ध चौधरी ने राजीव शुक्ला को हराकर कोषाध्यक्ष पद पर कब्जा किया । तीन उपाध्यक्ष निर्विरोध चुने गए जिनमें से दो पद श्रीनिवासन गुट को गए। टी सी मैथ्यूज ( केरल ) और सी के खन्ना ( दिल्ली ) ने चुनाव जीता । खन्ना ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया जबकि मैथ्यूज ने रवि सावंत को मात दी ।
निर्विरोध चुने गए उपाध्यक्षों में आंध्र के गोकाराजू गंगाराजू ( दक्षिण ), असम के गौतम राय ( पूर्व ) और जम्मू कश्मीर के एम एल नेहरू (उत्तर) शामिल हैं । डालमिया के चयन का रास्ता साफ हो गया था जब पवार को पूर्वी क्षेत्र से प्रस्तावक नहीं मिला जिससे वह दौड़ से बाहर हो गए । भाजपा नेता ठाकुर ने सिर्फ एक वोट से श्रीनिवासन के विश्वस्त पटेल को हराया । यदि चुनाव के दौरान क्रास वोटिंग नहीं हुई होती तो यह हालात पैदा नहीं होते । चूंकि श्रीनिवासन विरोधी खेमे के बाकी उम्मीदवार चुनाव हार गए तो यह स्पष्ट है कि क्रास वोटिंग सिर्फ ठाकुर के लिये हुई ।
बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष 70 वर्षीय डालमिया को श्रीनिवासन की वफादार सभी ईकाइयों ने सर्वसम्मति से चुना । इस बार अध्यक्ष नामित करने की बारी पूर्वी क्षेत्र की थी जहां से पवार को कोई प्रस्तावक नहीं मिल सका । आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष पवार 2001 से 2004 के बीच बीसीसीआई प्रमुख थे । पूर्व की सभी छह ईकाइयों ने रविवार को यहां हुई बैठक में श्रीनिवासन गुट के प्रति वफादारी जताई थी । मराठा क्षत्रप पवार ने भी अपने सहयोगियों से बैठक की थी । उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद डालमिया का अध्यक्ष बनना तय हो गया था क्योंकि न्यायालय ने श्रीनिवासन को चुनाव लड़ने से रोककर सिर्फ वोटिंग का अधिकार दिया था । कानूनी लड़ाई के कारण एजीएम कई बार स्थगित की गई । उच्चतम न्यायालय फिलहाल आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले की सुनवाई कर रहा है जिसमें बीसीसीआई अध्यक्ष और आईपीएल टीम मालिक के तौर पर श्रीनिवासन के हितों के टकराव की न्यायालय ने आलोचना की है।