आईपीएल 2020 के एलान के बाद आई बुरी खबर, वीवो स्पांसरशिप ले सकता है वापस
नई दिल्ली, 4 अगस्त| आईपीएल के 13वें सीजन में अभी 46 दिन बाकी हैं और आठ फ्रेंचाइजियों में से एक के मालिक ने बाकी सात को फोन कर यह बताया कि लीग का मुख्य प्रायोजक वीवो इंडिया बाहर जा सकता है। बीसीसीआई ने हालांकि कहा है कि घबराने की कोई बात नहीं है।
मामले से संबंध रखने वाले एक बीसीसीआई सूत्र ने आईएएनएस से कहा है कि स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और अगर किसी को वित्तीय संकट लगता भी है तो घबराने से हल नहीं निकलेगा।
सूत्र ने कहा, "इस समय स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। हम समझ सकते हैं कि इस समय किसी को वित्तीय संकट हो सकता है, लेकिन बीसीसीआई के नजरिए से, अगर किसी के लिए बाजार की स्थिति मुश्किल पैदा भी करती है तो भी अनुबंधित राशि में बदलाव करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर है।"
उन्होंने कहा, यह बाध्यकारी अनुबंध है और इसी के आधार पर दो पार्टियां बात करती हैं। देखिए बीसीसीआई जैसे संस्थान में रोज कई तरह की छोटी-छोटी चीजें होती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम घबरा जाएं। किसी ने कुछ बात सुनी और किसी तरह बिना सोच-समझे पैनिक बटन दबा दिया। ठीक है, इस तरह की चीजें आपको अनुभव देती हैं।"
अधिकारी ने कहा, "अंतिम बात यह है कि अभी तक किसी तरह का कोई बदलाव नहीं है। अगर स्थिति बदलती है तो हम देखेंगे।"
फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि मालिक के पास इस संबंध में एक फोन आया था।
उन्होंने कहा, "हां, उनके बीसीसीआई के अधिकारियों से अच्छे संबंध हैं और उन्होंने मालिक को फोन किया था और बताया था कि वीवो अपने हाथ खींच सकता है। लेकिन मुझे लगता है कि फैसला अंतिम नहीं है। जो भी स्थिति होगी, हमें उम्मीद है कि स्थिति आती भी है तो, इस तरह के गंभीर मुद्दे को बीसीसीआई सभी फ्रेंचाइजियों के साथ आधिकारिक रूप से अपने हाथ में लेगी।"
वहीं मामले से संबंध रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि इन्हीं शख्स ने फ्रें चाइजियों और बीसीसीआई अधिकारी के बीच हुई बैठक टिकट रेवेन्यू की भरपाई का मुद्दा उठाया था।
अधिकारी ने बताया था, "उन्होंने टिकट रेवेन्यू की भरपाई का मुद्दा उठाया था, लेकिन बैठक में मौजूद सभी लोगों ने इस बात पर जोर दिया था कि टिकट रेवेन्यू का मुद्दा उनके लिए मायने नहीं रखता बल्कि सभी के लिए अहम है कि आईपीएल का आयोजन इस साल सफलतापूर्वक हो।"