दुबे और राणा के बीच कोई समानता नहीं थी, कनकशन सब्स्टीट्यूट फैसले पर गावस्कर ने कहा

Updated: Sun, Feb 02 2025 14:06 IST
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T20 Match Between India: भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कहा कि चौथे टी20 मैच में शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा को कनकशन (सिर में चोट) के कारण सब्स्टीट्यूट के रूप में लेना सही नहीं था। इससे भारत की जीत का आकर्षण कम हो गया।

शिवम दुबे को आखिरी ओवर में बल्लेबाजी के दौरान सिर पर गेंद लगी थी और उन्हें हटा दिया गया। उनकी जगह हर्षित राणा, जो एक तेज गेंदबाज हैं, को टीम में शामिल किया गया था।

राणा ने अपने डेब्यू मैच में 3 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया, जिससे भारत ने 182 रन बचाकर 15 रनों से जीत दर्ज की और सीरीज अपने नाम कर ली। लेकिन इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने इस बदलाव पर आपत्ति जताई थी।

गावस्कर भी इससे बहुत प्रभावित नहीं है। मिड-डे के लिए लिखे अपने कॉलम में उन्होंने कहा, "दुबे चोट लगने के बाद भी अंत तक बल्लेबाजी करते रहे, तो इसका मतलब है कि वे गंभीर रूप से घायल नहीं थे। ऐसे में कनकशन सब्स्टीट्यूट देना ही गलत था। अगर उन्हें कोई और चोट लगी होती, तो भी सिर्फ़ फील्डिंग के लिए सब्स्टीट्यूट मिलता, गेंदबाज नहीं।"

उन्होंने मज़ाकिया अंदाज में कहा, "अगर दुबे और राणा में कोई समानता थी, तो सिर्फ उनकी लंबाई और फील्डिंग का स्तर!" उन्होंने कहा कि इंग्लैंड को इस फैसले से ठगा हुआ महसूस करने का पूरा हक है।

आईसीसी के नियम 1.2.7 के अनुसार, कनकशन रिप्लेसमेंट वही खिलाड़ी होना चाहिए, जो हटाए गए खिलाड़ी की भूमिका निभा सके और टीम को अतिरिक्त फायदा न मिले।

गावस्कर ने इसे क्रिकेट के सबसे खराब नियमों में से एक बताया। उन्होंने कहा, "अगर कोई बल्लेबाज बाउंसर नहीं खेल सकता और सिर पर चोट लगवा लेता है, तो उसे खेलने का अधिकार ही नहीं होना चाहिए।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर कोई खिलाड़ी उंगली या कलाई तोड़ ले, तो उसे सब्स्टीट्यूट क्यों नहीं मिलता? फिर सिर पर चोट लगने वाले को क्यों मिले?

आईसीसी के नियम 1.2.7 के अनुसार, कनकशन रिप्लेसमेंट वही खिलाड़ी होना चाहिए, जो हटाए गए खिलाड़ी की भूमिका निभा सके और टीम को अतिरिक्त फायदा न मिले।

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