प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 127वें एपिसोड में 'संस्कृत' भाषा पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने संस्कृत में कंटेंट बनाने वाले क्रिएटर्स यश सालुंड्के को सराहा, जो इस भाषा के साथ युवाओं को क्रिकेट के गुर सिखा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा, 'संस्कृत' का नाम सुनते ही हमारे मन-मस्तिष्क में हमारे धर्मग्रंथ, वेद, उपनिषद, पुराण, शास्त्र, प्राचीन ज्ञान-विज्ञान, आध्यात्म और दर्शन आते हैं, लेकिन एक समय इन सभी के साथ-साथ 'संस्कृत' बातचीत की भी भाषा थी। उस युग में अध्ययन और शोध संस्कृत में ही किए जाते थे। नाट्य मंचन भी संस्कृत में ही होते थे, लेकिन दुर्भाग्य से गुलामी के कालखंड में भी और आजादी के बाद भी संस्कृत लगातार उपेक्षा का शिकार हुई। इस वजह से युवा पीढ़ियों में संस्कृत के प्रति आकर्षण भी कम होता चला गया, लेकिन अब समय बदल रहा है। संस्कृत का भी समय भी बदल रहा है। संस्कृति और सोशल मीडिया की दुनिया ने संस्कृत को नई प्राणवायु दे दी है।
उन्होंने कहा, "इन दिनों कई युवा संस्कृत को लेकर बहुत रोचक काम कर रहे हैं। आप सोशल मीडिया पर जाएंगे, तो आपको ऐसी कई रील्स दिखेगी, जहां कई युवा संस्कृत में और संस्कृत के बारे में बात करते दिखाई देंगे। कई लोग अपने सोशल मीडिया चैनल के जरिए संस्कृत सिखाते भी हैं। ऐसे ही एक युवा कंटेंट क्रिएटर हैं- यश सालुंड्के। यश की खास बात ये है कि वो कंटेंट क्रिएटर भी हैं और क्रिकेटर भी हैं। संस्कृत में बात करते हुए क्रिकेट खेलने की उनकी रील्स लोगों ने खूब पसंद की है।"