वर्ल्ड टी-20: इंग्लैंड के साथ मुकाबले में न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी

Updated: Tue, Mar 29 2016 17:52 IST

नई दिल्ली, 29 मार्च | आईसीसी वर्ल्ड टी-20 में अभी तक अजेय रही न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम बुधवार को इंग्लैंड के खिलाफ पहले सेमीफाइनल के लिए पूरी तरह तैयार है। वह इस मुकाबले को जीत कर पहली बार टी-20 के फाइनल में जगह बनाना चाहेगी। कीवी टीम ने अभी तक अपने चारों मैचों में जीत हासिल की है और सेमीफाइनल में वह अपने इस विजयी क्रम को जारी रखना चाहेगी।

न्यूजीलैंड के साथ एक दिक्कत है। उसकी बल्लेबाजी कागज पर तो काफी प्रभावशाली है लेकिन मैदान पर उसके बल्लेबाज कुछ ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाए हैं। सिर्फ पाकिस्तान के खिलाफ ही टीम 180 रन के आंकड़े को छू पाई थी।

लेकिन, कीवी टीम की गेंदबाजी अभी तक काफी प्रभावशाली रही है। बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज मिचेल सैंटनर और लेग स्पिनर इंदरबीर सिंह (ईश) सोढी ने अभी तक अपनी फिरकी से सभी बल्लेबाजों को परेशान किया है। दोनों ने ही भारतीय परिस्थतियों का भरपूर फायदा उठाया है। दोनों ने क्रमश: नौ और आठ विकेट अपने नाम किए हैं। मिशेल मैक्लेघन और ग्रांट इलियट ने भी अपनी गेंदबाजी से टीम में अहम योगदान दिया है।

टीम ने अभी तक अपने दो शानदार गेंदबाजों टिम साउदी और ट्रेंट बोल्ट का इस्तेमाल ही नहीं किया है। फिरोजशाह कोटला की पिच पर तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की संभावना है। ऐसे में अगर विलियम्सन इन दोनों तेज गेंदबाजों को सेमीफाइनल में मौका देते हैं, तो कीवी टीम और खतरनाक साबित हो सकती है। दूसरी तरफ इंग्लैंड को वेस्टइंडीज से अपने पहले मैच में क्रिस गेल के तूफान के चलते हार झेलनी पड़ी थी। लेकिन, इसके बाद टीम ने शानदार वापसी की और लगातार तीन जीत दर्ज की जिसमें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 230 रनो के लक्ष्य का पीछा करते हुए मिली जीत भी शामिल है।

टीम के पास बेन स्टोक्स, मोईन अली, कप्तान इयोन मोर्गन जैसे बांए हाथ के तीन शानदार बल्लेबाज हैं जो टीम के लिए हमेशा ही अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं। वहीं जोए रूट, एलेक्स हेल्स और जोस बटलर के पास टी-20 का अच्छा खासा अनुभव है जो अभी तक टीम के लिए काफी काम आता रहा है।

इंग्लैंड की टीम कोटला की पिच से अच्छी तरह वाकिफ है। वह पहले ही दो मैच यहां खेल चुकी है जिसका फायदा उसे मिलेगा। इंग्लैंड के लिए परेशानी का सबब उसकी गेंदबाजी हो सकती है। क्रिस जॉर्डन, डेविड विले ने अभी तक काफी रन लुटाए हैं। 2010 में खिताब अपने नाम करने वाली इंग्लैंड बेशक सेमीफाइनल में दबाव में रहेगी लेकिन कीवी टीम उसे हल्के में नहीं ले सकती।

एजेंसी

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