मैं कप्तानी छोड़ दूंगा... टेम्बा बावुमा ने आखिर World Cup के बाद खोल ही दिया दिल
साउथ अफ्रीका एक बार फिर अपने पहले विश्व कप खिताब के काफी करीब पहुंचकर हार गया जिस वजह से सभी अफ्रीकी फैंस काफी दुखी हैं। ऑस्ट्रेलिया ने सेमीफाइनल मैच में उन्हें 3 विकेट से हराकर वर्ल्ड कप से बाहर कर दिया था जिसके बाद से ही लगातार कप्तान टेम्बा बावुमा की खूब आलोचना हो रही है। आलम ये है कि बावुमा को अफ्रीकी टीम के कप्तानी पद से हटाने की ही बातें नहीं हो रही, बल्कि उन्हें टीम की कप्तानी सौंपने पर भी सवाल किये जा रहे हैं।
अब खुद टेम्बा बावुमा ने दुनिया के सामने आकर इन सब घटनाओं पर अपना रिएक्शन दिया है। बावुमा का कहना है कि जब वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका की टीम एक के बाद एक मैच जीत रही थी तब किसी को परेशानी नहीं थी, लेकिन जब उनकी टीम हारी तब ये बातें हो रही है। उन्होंने ये भी खुलासा किया है वह टीम की कप्तानी छोड़ने के लिए भी तैयार थे, लेकिन उनकी टीम को उन पर पूरा भरोसा था।
बावुमा बोले, 'मैंने शुरू से ही कहा है कि अगर कोई भी व्यक्ति वहां खड़ा होता और कहता कि टेम्बा तुम कप्तान के पद के लिए सही व्यक्ति नहीं हो। तो मैं ख़ुशी से कप्तानी छोड़ दूंगा। ये उन लोगों का समूह है जो साल 2020 से एक साथ हैं। हम एक-दूसरे को पूरी तरह से जानते हैं, और हम जानते हैं कि हम किसके लिए खेलते हैं। मैं वो इंसान नहीं हूं जो ट्विटर या फेसबुक पर है।'
साउथ अफ्रीका के कप्तान ने अपनी बाते आगे रखते हुए कहा कि 'मुझे नहीं पता कि जब एक खिलाड़ी अच्छी कप्तानी कर रहा है तो किसी को आंकने का पैमाना क्या है। हमने ग्रुप स्टेज में किसी भी साउथ अफ़्रीकी टीम के मुकाबले सबसे अधिक मैच जीते हैं। हमने उन टीमों को हराया है जो पिछले कुछ समय से विश्व कप में नहीं हारी हैं। तो हम ये निर्णय लेने के लिए कौन से पैमाने का उपयोग करेंगे कि कोई व्यक्ति कप्तान के रूप अच्छा कार्य कर रहा है या नहीं।'
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आपको बता दें कि बावुमा की कप्तानी में लीग स्टेज के दौरान साउथ अफ्रीका ने अपने 9 में से 7 मैच जीते थे। यहां उन्हें सिर्फ भारत और नीदरलैंड्स के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि बावुमा की ट्रोलिंग की असल वजह उनकी टीम का प्रदर्शन नहीं, बल्कि उनका खुद का प्रदर्शन है। बावुमा विश्व कप 2023 में 8 मैचों में सिर्फ 145 रन ही बना सके। इस दौरान उन्होंने 18.12 की औसत से रन बनाए जिस वजह से उनकी टीम को ज्यादातर मुकाबलों में अच्छी शुरुआत नहीं मिली।