बीसीसीआई कार्यकारी समिति और आईपीएल गवर्निंग बैठकों से अलग हुए श्रीनिवासन
नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (हि.स.) । बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाए गए एन श्रीनिवासन ने खुद को बीसीसीआई के कार्यकारी समिति और आईपीएल गवर्निंग बैठकों से अलग कर लिया है। सुनवाई के दौरान बीसीसीआई के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, "अगर श्रीनिवासन बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर दोबारा चुने जाते हैं तो वह उन्हें तथा उनकी आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स टीम और बीसीसीआई से जुड़ी बैठकों से दूर रखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी हितों के टकराव से जुड़े सवाल पर प्रस्तापित समिति का फैसला आने तक आईपीएल गवर्निंग काउंसिल सभी कामों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंग।" बता दें कि पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायाधीश एफएमआई कालीफुल्ला की खंडपीठ वाले इस ममाले में बीसीसीआई की ओर से पैरेबी कर रहे हैं।
श्रीनिवासन की ओर से कोर्ट में पेश होते हुए सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि अगर कोर्ट बीसीसीआई चुनावों की अनुमति देता है और अगर 'मैं (श्रीनिवासन) बीसीसीआई में अध्यक्ष पद के लिए खड़ा होता हूं और जीतता हूं तो फिर मैं गवर्निग काउंसिल से दूर रहूंगा। साथ ही मैं आईपीएल से जुड़ी सभी बैठक से दूरी बनाए रखूंगा' बता दें कि स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन भी आरोपी हैं।
इससे पहले मंगलवार को आईपीएल-6 में हुई सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्टने श्रीनिवासन को जमकर लताड़ा और पूछा कि उन्होंने बीसीसीआई की कार्यसमिति में हिस्सा क्यों लिया? न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर और फकीर मोहम्मद इब्राहिम कलिफुल्ला की पीठ ने श्रीनिवासन की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा था, 'एक तरफ आप कहते हैं कि कि आप बोर्ड के निर्णय लेने की प्रक्रिया से दूर रहेंगे जबकि दूसरी ओर तमिलनाडु क्रिकेट संघ के माध्यम से आप बीसीसीआई की कार्यसमिति में हिस्सा लेते हैं।'
कोर्ट ने श्रीनिवासन से कहा था, 'आप तीन हफ्ते पहले बीसीसीआई की बैठक में हिस्सा लेते हैं। आपने कोर्ट से जो कहा है कम से कम उसे तो आपको निभाना चाहिए और खुद को अलग रखना चाहिए।' कोर्ट की यह टिप्पणी बिहार क्रिकेट संघ द्वारा दायर की गई जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के दौरान आई।
गौरतलब है कि इसी मामले की सुनवाई के तहत कोर्ट ने श्रीनिवासन को बीसीसीआई से दूर रहने को कहा था। आईपीएल में कथित सट्टेबाजी और उसमें श्रीनिवासन के दामाद व चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन के नाम आने के बाद हितों के टकराव को लेकर भी कोर्ट सुनवाई कर रही है। इसी साल मार्च में कोर्ट ने बीसीसीआई के उपाध्यक्ष शिवलाल यादव को बोर्ड का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सुनील गावसकर को उस समय जारी आईपीएल टूर्नामेंट से जुड़े कामकाज को संभालने को कहा था।
उस समय श्रीनिवासन ने कोर्ट को बताया था कि उनके खिलाफ जांच जारी रहने तक वह क्रिकेट बोर्ड से दूर रहेंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने श्रीनिवासन से यह पूछा था, 'आप बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं, आपके दामाद पर आरोप हैं। ऐसे में सवाल है कि उन्हें सजा कौन देगा। हम चाहते हैं कि बीसीसीआई निष्पक्ष या किसी भी प्रकार की तरफदारी से दूर रहे।'
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/अनूप