1 मैच के बाद फिर बाहर हो सकते हैं स्कॉट बोलैंड, भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट में ये खिलाड़ी आ सकता है ऑस्ट्रेलिया टीम में
Scott Boland: ऐसा लगता था कि स्कॉट बोलैंड कभी भी दूर नहीं थे। एडिलेड में भारत के ख़िलाफ़ वह दो साल में पहला घरेलू टेस्ट खेले और उन्हें पहली ही गेंद पर विकेट मिल ही जाता अगर वह नो बॉल नहीं करते। जो वह पहली पारी में नहीं कर पाए वह उन्होंने दूसरी पारी में करके दिखाया, यह मैच में उनका पांच में से एक विकेट था और दर्शक इस पर उतने ही उत्साहित हुए जितना मिचेल स्टार्क की टेस्ट में बेहतरीन शुरुआत हो या फिर ट्रैविस हेड का शानदार शतक।
तब भी बोलैंड का कमबैक केवल एक मैच के लिए ही हो सकता है। पर्थ में पहला टेस्ट खेले जोश हेज़लवुड एडिलेड में चोट की वजह से नहीं खेले थे और ऐसी उम्मीद है कि 14 दिसंबर से गाबा में होने वाले तीसरे टेस्ट के लिए वह तैयार रहेंगे।
बोलैंड के पिछले सीज़न किसी स्टेज पर कोई रोल निभाने की उम्मीद थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पहली पसंद के तेज़ गेंदबाज़ों को किसी तरह की मुश्किल नहीं आई। पिछली बार वह 2023 एशेज में खेले थे, जहां एक समय उन्होंने अपने टेस्ट करियर में अड़चन पाई जब इंग्लैंड के बैज़बॉल क्रिकेट ने उन पर आक्रमण किया जिसमें उन्होंने दो बार 4.91 रन प्रति ओवर से दिए और केवल दो विकेट लिए।
भारत भी एडिलेड में यही करने की कोशिश कर रहा था, जब नितीश कुमार रेड्डी ने पहली पारी में उनके एक ही ओवर में 21 रन जोड़े और ऋषभ पंत ने दूसरी पारी में उन पर कुछ अज़ीबोगरीब शॉट खेले। टेस्ट के समाप्त होने पर बोलैंड का घर में रिकॉर्ड 13.54 की औसत से 33 विकेट है।
हेड ने एडिलेड में दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा था, "ऐसा लग रहा है कि स्कॉटी के साथ कुछ होने वाला है। वह अपने पूरे टेस्ट करियर में शानदार रहे हैं। हमने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि यह अच्छा है कि हमारे पास कोई ऐसा है जो पूरी तरह से तैयार है। वह वापस आ सकता है और आप जानते हैं कि उसका क्या प्रभाव रहेगा। उसने हमारे लिए कुछ बड़े विकेट लिए हैं। टीम में वह हमारे लिए अहम इंसान है, वह अच्छा इंसान है, लड़के उसको पसंद करते हैं, पब्लिक उसको पसंद करती है। जब भी उसको मौक़ा मिला है, आप उससे बहुत खु़श होते हैं।"
बोलैंड के अंदर स्पैल की शुरुआत से ही एक अच्छे स्पॉट पर गेंद डालने की क्षमता है और इसका बेहतरीन उदाहरण एडिलेड टेस्ट से बेहतर और क्या हो सकता है। बोलैंड की जब पहली गेंद केएल राहुल के बल्ले से लगकर कीपर के पास गई तो वह पवेलियन लौट रहे थे लेकिन यह नो बॉल हो गई, लेकिन स्निको में भी दिखा कि वहां पर कोई किनारा नहीं लगा था। कुछ ऐसा ही मिचेल मार्श के मामले में भी दिखा जब दूसरे दिन आर अश्विन की गेंद पर वह आउट हुए।
इसके बाद अपने पहले ही ओवर में बोलैंड ने दोबारा राहुल के बल्ले का किनारा लगवाया लेकिन उस्मान ख़्वाजा पहली स्लिप में कैच नहीं ले सके। बोलैंड ने शुभमन गिल को पगबाधा कराया, इसके बाद अपनी ट्रैडमार्क डिलीवरी पर रोहित शर्मा को चलता किया। दूसरी पारी में जब उन्होंने अपनी पहली ही गेंद पर यशस्वी जायसवाल को विकेट के पीछे कैच कराया तो इस बार उनके फ्रंटफु़ट पर कोई समस्या नहीं थी। कुछ ओवर बाद उन्होंने विराट कोहली का विकेट निकाला।
हेज़लवुड ने कहा, "उसके लिए बस प्रशंसा है कि वह लगातार एक लाइन और लेंथ पर अड़ा रहता है। उसने अपना काम किया, उसने कुछ कोशिश नहीं की और कोई और बनने का प्रयास नहीं किया। चाहे वह विक्टोरिया या ऑस्ट्रेलिया के लिए खेल रहा है वह वही रहता है। हमने उसको एक ही ओवर में कई विकेट लेते देखा है। तो जब वह लय में होता है तो बस धमाका ही करता है। इन परिस्थतियों में जब फ़्लड लाइट्स में पिंक बॉल से गेंदबाज़ी करनी हो तो उससे बेहतर कौन हो सकता है।"
लेकिन हेज़लवुड के पास 278 टेस्ट विकेट हैं और अगर वह फ़िट हैं तो वापसी करेंगे।
सोमवार को एडिलेड ओवल के बीच में उन्होंने दो स्पैल डाले। फिर यह इस बात पर निर्भर करेगा कि अगले 24 घंटों में वह इनसे कितनी अच्छी तरह उबर पाते हैं। हेज़लवुड ने बताया कि हालिया चोट "कोई आम साइड स्ट्रेन" नहीं है, बल्कि यह उनकी एक चल रही समस्या का हिस्सा है, जिससे वह निराश हो गए हैं और समाधान की तलाश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "आप गेंदबाज़ी करने के लिए दौड़ते हैं और आप बस अपनी टोपी पकड़ लेते हैं और आप छह सप्ताह के लिए बाहर हो जाते हैं। यह उस तरह का साइड स्ट्रेन नहीं है। पिछले कुछ सालों में इसने मुझे बहुत परेशानी दी है, लेकिन इस साल मैंने पूरी तैयारी की, शील्ड गेम खेला और सब कुछ ठीक कर लिया।"
"मैं जहां था उससे ख़ुश था और अभी भी खु़श हूं। इसलिए मैं कुछ दिनों तक वहां काफी परेशान रहा। सीए के दृष्टिकोण से फ़िजियो, डॉक्टरों और अन्य लोगों के साथ कई बैठकें हुईं। इसलिए हम कुछ विकल्पों पर विचार करेंगे और देखेंगे कि क्या हम इसे फिर से होने से रोक सकते हैं। मैंने इस सप्ताह अब तक हर विकल्प पर टिक किया है। जाहिर है कि यह साइड स्ट्रेन मेरे लिए अतीत में परेशानी का सबब रही है। इसलिए अगर मैं सावधानी बरतने के साथ झुक सकता हूं तो मुझे लगता है कि समस्या कम होगी।"
पर्थ में पहली बार दर्द महसूस होने के बाद हेज़लवुड ने कुछ समय तक गेंदबाज़ी जारी रखी, लेकिन बाद में पिछला अनुभव काम आया।
उन्होंने कहा, "मुझे एशेज से पहले क्वारंटीन का समय याद है, मैंने शायद इसे काफ़ी समय तक टाला। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ समय में मुझे लगता है कि यह पर्थ में था... पैट ने अपना क्वाड किया, और हमें कुछ और ओवर फेंकने पड़े। ऐसा लगता है कि उस स्थिति में आप जो भी ओवर फेंकते हैं, वह हर बार कुछ और दिन अधिक रिकवरी जोड़ता है।"
भारत के केस में जसप्रीत बुमराह को एक बड़े सपोर्ट की ज़रूरत है, ऑस्ट्रेलिया की तेज़ गेंदबाज़ी में गहराई इस सीरीज़ में बड़ा प्रभाव छोड़ सकती है।
हेज़लवुड ने कहा, "बिल्कुल हमारे पास स्कॉटी है, जो जब भी खेलता है अपना काम बेहतरीन तरीक़े से करता है। तो फ़ैसला लेना आसान हो जाता है। कई बार होता है कि आप पूरी तरह से खेलने के लिए तैयार नहीं होते हैं तो तब आपके पास स्कॉटी होता है।"
भारत के केस में जसप्रीत बुमराह को एक बड़े सपोर्ट की ज़रूरत है, ऑस्ट्रेलिया की तेज़ गेंदबाज़ी में गहराई इस सीरीज़ में बड़ा प्रभाव छोड़ सकती है।
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Article Source: IANS