मुश्किल दौरे पर खुद को परेशान करने के तरीके ढूंढ रही है भारतीय टीम : धोनी
मेलबर्न/नई दिल्ली, 31 दिसंबर (हि.स.) । ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के ड्रॉ होने के साथ बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आज कहा कि उनकी टीम पहले से ही मुश्किल दौरे पर खुद को परेशान करने के तरीके ढूंढ रही है। ऑस्ट्रेलिया के 384 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने जब एमसीजी पर छह विकेट पर 174 रन बनाए थे तब दोनों कप्तान मैच ड्रॉ कराने को राजी हो गए। ऑस्ट्रेलिया ने इसके साथ दोबारा बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीत ली और धोनी ने कहा कि इस नतीजे के लिए वे खुद ही जिम्मेदार हैं।
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धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘हमने खुद को परेशान करने के तरीके ढूंढ लिए हैं। अब तक सभी टेस्ट मैचों में मुझे लगता है कि हमने अच्छी साझेदारी की और फिर अचानक कुछ विकेट गंवाए और अपने उपर दबाव बना लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘काफी ढीले शॉट भी खेले गए और मुझे लगता है कि इस तरह के मैच में यह काफी अहम है कि जब आप शीर्ष पर हो तो यह लय बरकरार रखो और आगे बढ़ो। सुनिश्चित करो कि आने वाले बल्लेबाज को अधिक दबाव का सामना नहीं करना पड़े।’’ एडिलेड में पहला टेस्ट 48 रन जबकि ब्रिसबेन में दूसरा टेस्ट चार विकेट से गंवाने के बाद धोनी ने कहा कि तीसरा मैच ड्रॉ कराना राहत भरा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हां, ड्रॉ से खुश हूं। इसका एकमात्र कारण यह है कि अंतिम दिन हमने खुद को मुश्किल में डाल दिया था, लेकिन मुझे लगता है कि गेंदबाजों ने काफी अच्छा काम किया।’’ धोनी ने कहा, ‘‘रविचंद्रन अश्विन ने काफी अच्छी गेंदबाजी की। विशेषकर दूसरी पारी में हमने अच्छी लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी की और इसी वजह से हम मजबूत स्थिति में पहुंचे थे। बेशक विरोधी बल्लेबाजों ने निचले क्रम में साझेदारी की और इसी के कारण हम मैच से बाहर हो गए।’’ धोनी ने श्रृंखला गंवाने के बाद साथ ही कहा कि यह युवा टीम है और आलोचकों को इसे कुछ समय देना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/अनूप