कुंबले की साहसी बॉलिंग
जब भी भारत में किसी महान गेंदबाज का जिक्र किया जाता है तो जाहिर तौर पर उनमे से एक नाम पूर्व भारतीय क्रिकेटर और लेग स्पिनर अनिल कुंबले का होता है जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को अपने बेहतरीन खेल के बल पर कई मैचों में जीत दिलाई। कुंबले एक बेहतरीन क्रिकेटर होने के साथ-साथ मैदान में जोशीले खेल के लिए भी जाने जाते है।
कुंबले ने अपने करियर में कई बार कसी हुई गेंदबाजी की है। लेकिन साल 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए उनके जबड़े में चोट लगी जिसके कारण उनका जबड़ा टूट गया था। इसके बावजूद उन्होंने अदभूत साहस का परिचय देते हुए टूटे जबड़े के साथ मैदान पर उतकर अपने नाम को क्रिकेट के इतिहास में सदा के लिए अमर बना दिया।
साल 2002 में जिस वक्त भारत और वेस्टइंडीज के बीच मैच खेला जा रहा था तो कुंबले सातवें क्रम पर बल्लेबाजी करने उतरे थे। अपनी बल्लेबाजी के दौरान वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज मर्व डिलन का गेंद कुंबले के जबड़े पर जाकर लगी जिससे कुंबले बूरी तरह चोटिल हो गए और उनके जबड़े से खून आने लगा, लेकिन इन सबके बावजूद इस महान क्रिकेटर ने हिम्मत नही हारी और अगले 20 मिनट तक उसी हालत में क्रिज पर डटे रहे।
मैच के दौरान ही डॉक्टर्स ने कुंबले के जबड़े की चोट में फ्रैक्चर घोषित कर दिया था, लेकिन कुंबले ने अपने अंदर के साहस को बरकरार रखा। यही कारण था कि भारत की गेंदबाजी पारी में कुंबले ने मैच में अपनी अहमीयत समझते हुए जख्मी हालत में अपने जबड़े में पट्टी बांधकर लगातार 14 ओवर तक गेंदबाजी की और यहां तक कि उन्होंने ब्रायन लारा जैसे महान बल्लेबाज को पैवेलियन की राह दिखाई थी।
हालांकि दोनों टीमों के बीच ड्रॉ के साथ सीरीज खत्म हुआ, लेकिन कुंबले ने जिस तरह से शानदार खेल का मुजाएरा पेश करते हुए अपने टूटे हुए जबड़े के साथ मैदान पर डटे रहे वो वाकई में काबिल-ए-तारीफ है।
मैच की समाप्ति के बाद कुंबले ने अपनी भावना को व्यक्त करते हुए कहा था कि “मैं कम से कम इस सोच के साथ अपने घर को जा सकता हूं कि मैंनें अपनी तरफ से पूरी कोशिश तो की।“
“कुंबले के इस अदभूत प्रदर्शन के बाद पूर्व वेस्टइंडीज क्रिकेटर सर विव रिचर्ड्स ने उनकी सराहना करते हुए कहा था कि उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर ऐसी बहादूरी बहुत कम देखी है।“
कुंबले के साहसी कारनामे को इस वीडियो में देखें-