जब कुंबले के कमाल से हुआ था पाकिस्तान का सफाया
भारतीय क्रिकेट के आठ दशक से भी पुराने इतिहास में 7 फरवरी का दिन बहुत खास महत्व रखता है। 18 साल पहले आज के ही दिन टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाज अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट पारी
भारतीय क्रिकेट के आठ दशक से भी पुराने इतिहास में 7 फरवरी का दिन बहुत खास महत्व रखता है। 18 साल पहले आज के ही दिन टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाज अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट पारी में 10 विकेट लेकर इतिहास रचा था। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में वह ये कारनामा करने वाले मात्र दूसरे गेंदबाज बने थे । उनसे पहले सिर्फ इंग्लैंड के महान गेंदबाज जिम लेकर ही एक पारी में 10 विकेट लेने का अद्भुत कारनाम करने में सफल रहे ।
4 से 7 फरवरी 1999 के बीच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में चिर-प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान के बीच में सीरीज का दूसर टेस्ट मैच खेला जा रहा था। चौथे दिन का खेल जारी था और पाकिस्तान के सामनें जीत के लिए 420 रन का विशाल लक्ष्य था। सईद अनवर (69) और शाहिद अफरीदी (41) की सलामी जोड़ी ने 101 की साझेदारी कर पाकिस्तान को शानदार शुरूआत दे दी थी। लेकिन अभी कुंबले का कमाल होना बाकी था। कुंबले ने पाकिस्तान की पारी के 25वें ओवर की दूसरी गेंद पर अफरीदी को विकेटकीपर नयन मोंगिया के हाथों कैच करवा कर भारत को पहली सफलता का स्वाद चखाया। इसके बाद विकेटों की पतझड़ शुरू हुई कि जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। खास परफॉर्मेस जिसके लिए कुंबले हमेशा याद किए जाते हैं
Trending
पाकिस्तान के बल्लेबाज कुंबले की फिरकी में ऐसे फंसे की अगले 98 रन जोड़ने में ही टीम के आठ विकेट गिर गए। पाकिस्तान 198 रन बनाकर अपने 9 विकेट गवा चुका था जब वकार यूनुस बल्लेबाजी करने आए। वसीम अकरम और वकार यूनुस क्रीज पर थे। वकार ने अकरम से कहा था कि हम रन आउट हो जाते है ताकि कुंबले ये खास रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज ना कर पाए। लेकिन अकरम ने इससे इंकार किया। दूसरी तरफ भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन ने भी कुंबले को ये कीर्तिमान बनाने में पूरी मदद की।
अजहर ने जवागल श्रीनाथ समेत अपने दूसरे गेंदबाजों को निर्देश दिए थे कि गेंद ऑफ स्टंप के बहुत बाहर डाले ताकि विकेट नहीं मिले। पाक की पारी के 61वें ओवर की तीसरी गेंद पर कुंबले ने अकरम को लक्ष्मण के हाथों कैच पकड़वाकर अपना 10वां शिकार किया और इतिहास रच दिया। उन्होंने उन्होंने 26.3 ओवरों में 74 रन देकर 10 विकेट लिए थे। जिसकी बदौलत भारत 212 रन से जीत हासिल कर टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराने में सफल रहा था।