'15 दिन के लिए भूल जाओ तुम सचिन के बेटे हो', योगराज सिंह ने कुछ ऐसे बदल दी अर्जुन की किस्मत
भारत के पूर्व महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर (Sachi Tendulkar) के बेटे अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) एक बार फिर से लाइमलाइट में हैं और इस बार वो जिस वजह से सुर्खियों में हैं उसे जानकर उनके पिता सचिन तेंदुलकर को उन पर बहुत गर्व होगा। अर्जुन ने अपने पिता के ऩक्शे कदम पर चलते हुए अपने रणजी डेब्यू पर शतक ठोक दिया है। अर्जुन ने अपने बल्ले के ज़ौहर दिखाते हुए बुधवार को ग्रुप सी मुकाबले में गोवा के लिए खेलते हुए राजस्थान के खिलाफ 120 रनों की शानदार पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 16 चौके और 2 छक्के भी देखने को मिले।
अर्जुन ने इस शतक के साथ अपने पिता की उपलब्धि की बराबरी कर ली है। महान सचिन तेंदुलकर ने 11 दिसम्बर 1988 को वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई के लिए खेलते हुए गुजरात के खिलाफ अपने रणजी डेब्यू पर नाबाद 100 रन बनाए थे। तब सचिन की उम्र महज 15 साल की थी और आज लगभग 34 साल बाद उनके 23 वर्षीय बेटे अर्जुन ने राजस्थान के खिलाफ शतक लगाकर उनकी इस उपलब्धि को दोहराने का काम किया है। मुंबई के लिए खेलते हुए अर्जुन को मौके नहीं मिल रहे थे और लगातार नजरअंदाज़ होता देख उन्होंने गोवा के लिए खेलने का फैसला किया और आज उनका ये फैसला रंग लाता हुआ दिख रहा है।
अर्जुन के डेब्यू धमाके के पीछे एक और शख्स को क्रेडिट दिया जा रहा है और वो हैं युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह जिन्होंने हाल ही में अर्जुन को ट्रेनिंग दी थी। सचिन तेंदुलकर के कहने के बाद योगराज सिंह ने अर्जुन तेंदुलकर को चंडीगढ़ में ट्रेनिंग देनी शुरू की थी। योगराज सिंह ने अर्जुन के साथ दो हफ्ते बिताए। इस दौरान उन्होंने अर्जुन को सुबह 5 बजे उठाना, दो घंटे दौड़ाना और उसके बाद उनको जिम सेशन में मदद की थी। इस दौरान योगराज सिंह ने अर्जुन को एक ऐसा गुरूमंत्र दिया जो उनके लिए वरदान साबित होता दिख रहा है।
योगराज सिंह ने अर्जुन को कहा था कि जितना समय आप मेरे साथ ट्रेनिंग में हैं आपको भूलना होगा कि आप सचिन तेंदुलकर के बेटे हैं। योगराज सिंह ने इस बारे में बताते हुए कहा, “मैंने उससे कहा था कि उसे अगले 15 दिनों के लिए भूलना होगा कि वो सचिन तेंदुलकर का बेटा है। मुझे लगता है कि बाकी कोचों ने उसको खूब लाड किया होगा क्योंकि वो सचिन तेंदुलकर का बेटा है। मैंने उससे यही कहा था कि उसे अपने पिता के साए से बाहर निकलने की जरूरत है।”
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अब ऐसा लगता है कि योगराज सिंह का ये गुरूमंत्र अर्जुन के लिए काफी अहम साबित हुआ है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि अर्जुन इस शानदार शुरुआत को कितना लंबा खींच सकते हैं।