Cricket History - भारत का इंग्लैंड दौरा 1982
साल 1982 में भारतीय टीम ने दो वनडे और तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड का दौरा किया और यह सीरीज Prudential Trophy का हिस्सा रही।
इंग्लैंड की टीम ने भारत को 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से हराया।
सीरीज का पहला मुकाबला लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया। भारतीय टीम मैच में 305 रन पिछे चल रही थी और ऐसा लग रहा था कि भारत को फालोऑन के लिए जाना पड़ेगा लेकिन तब दिलीप वेंगसेकर ने भारतीय टीम को बचाया। उन्होंने 157 रनों की पारी खेली और यह लॉर्डस के मैदान पर इस बल्लेबाज का दूसरा शतक था। लेकिन इस टेस्ट मैच में भारतीय टीम के सुपरस्टार कपिल देव रहें जिन्होंने पहले गेंदबाजी में कमाल करते हुए 125 रन देकर 5 विकेट चटकाए और बल्ले से 41 रनों की पारी खेली जिसमें टीम का स्कोर 128 रन ही था। इसके बाद दूसरी पारी में फिर बल्लेबाजी में कमाल करते हुए 55 गेंदों में 89 रनों की जबरदस्त पारी खेली। इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 65 रनों की जरूरत थी और कपिल देव ने फिर गेंदबाजी में कमाल करते हुए 43 रन देकर 3 विकेट चटकाए। भारत को इस मैच में हार मिली लेकिन इसके बावजूद कपिल देव को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
सीरीज का दूसरा मुकाबला ओल्ड ट्रेफॉर्ड के मैदान पर खेला गया जो कि ड्रॉ हुआ। यह मैच संदीप पाटिल की बेखौफ बल्लेबाजी के लिए जानी जाएगी। भारतीय टीम एक समय 5 विकेट के नुकसान पर 136 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी। पाटिल उसके बाद बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने 196 गेंदों में 129 रनों की नाबाद पारी खेली। उन्होंने इंग्लैंड के कप्तान बॉब विलीस के एक ओवर में 6 चौके लगाए। हालांकि एक नो बॉल की वजह से विलीस को इस ओवर में कुल 7 गेंदें फेंकनी पड़ी थी।
केनिंग्टन के मैदान पर खेला गया सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ रहा।
इस तीन मैचों की सीरीज में कपिल देव के बल्ले से कुल 292 रन निकले और गेंदबाजी में भी उन्होंने कमाल करते हुए 10 विकेट चटकाए जिसके लिए उन्हें "मैन ऑफ द सीरीज" चुना गया। इस दौरान कपिल का स्ट्राइक रेट 107 और औसत 73 का रहा। इस सीरीज से कपिल देव को वर्ल्ड क्रिकेट में एक बड़ी पहचान मिली और उनकी गिनती सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में हुई।
भारत को दो मैचों की वनडे सीरीज में इंग्लैंड को हाथों 2-0 की हार मिली। पहला मुकाबला लिड्स के मैदान पर खेला गया जिसमें अंग्रेजों ने भारत को 9 विकेट से हराया तो वहीं लंदन के मैदान पर खेले गए दूसरे मुकाबले में 114 रनों से भारतीय टीम को पटखनी दी। ऐलन लैंब ने उस दौरे पर इंग्लैंड के लिए डेब्यू किया था और 2 मैचों में 134 रन बनाए जिसके लिए उन्हें कपिल देव के साथ-साथ जिन्होंने उस सीरीज में 102 रन बनाए थे "मैन ऑफ द सीरीज" का खिताब मिला।