भारतीय मूल के 5 महान क्रिकेटर जिन्होंने दूसरे देशों के लिए खेला इंटरनेशनल क्रिकेट
क्रिकेट के इतिहास में भारतीय मूल के कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो दूसरे देशों के लिए खेले हैं। मौजूदा समय में कई ऐसे भारतीय मूल के क्रिकेटर हैं जो दूसरे देशों का प्रतिनिधित्व कर रहे और अपने शानदार खेल से धूम मचा रहे हैं। भारत ने विश्व क्रिकेट को कई बड़े क्रिकेटर दिए हैं इनमें से कई महान क्रिकेटर बने और कई अभी बनने की राह पर हैं। मौजूदा समय में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज हाशिम अमला इस लिस्ट में सबसे आगे हैं। यही नही वेस्टइंडीज, इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमों में भी भारतीय मूल के खिलाड़ी रहे जिन्होंने अपने करियर में अपने प्रदर्शन के बूते बहुत नाम कमाया। आइए हम आपको बताते हैं भारतीय मूल के कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में जो दूसरे देशों के लिए क्रिकेट खेले और फिर महान खिलाड़ी बने।
1. हाशिम अमला
साउथ अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज हाशिम अमला भी भारतीय मूल के खिलाड़ी हैं। मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लोबाजों में से एक हाशिम अमला के तार भी भारत से ही जुड़े हैं। अमला के दादा का जन्म गुजरात के सूरत में हुआ था। लेकिन बाद में उनका परिवार साउथ अफ्रीका जाकर बस गया था। अमला ने साउथ अफ्रीका के लिए तीनों ही फॉर्मेंट में शानदार खेल दिखाया है। 2004 में इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरूआत करने वाले अमला टेस्ट क्रिकेट में साउथ अफ्रीका के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले चौथे खिलाड़ी हैं।
वह वनडे में सबसे तेज चार, पांच और छ और सात हजार रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। हाल ही में उन्होंने वन डे क्रिकेट में विराट कोहली का सबसे तेज 25 वन डे शतक लगाने का रिकॉर्ड तोड़ा है।
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2. रोहन कन्हाई
साठ के दशक के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक रोहन कन्हाई भी भारतीय मूल के खिलाड़ी थे जो वेस्टइंडीज के लिए खेले। भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावसकर ने कहा था कि कन्हाई सबसे महान बल्लेबाज हैं जिसे उन्होंने खेलते हुए देखा है। गावस्कर रोहन कन्हाई के खेल से इतने प्रभावित थे कि उन्होने अपने बेटे का नाम भी रोहन रखा ।रोहन कन्हाई अजीबोगरीब शॉट्स के लिए काफी मशहूर थे जिसमें " फॉलिंग हुक" सबसे खास था। कन्हाई जरूरत पड़ने पर विकेटकीपिंग भी करते थे और मध्यम गति से गेंदबाजी भी करते थे।
1975 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में कन्हाई ने मुश्लिक में पड़ी वेस्टइंडीज के लिए बेहतरीन अर्धशतक लगाकर पारी को संभाला था और कप्तान क्लाइव लॉयड के शतक के लिए मार्ग प्रशस्त किया था। जिसके बाद वेस्टइंडीज पहला वर्ल्ड चैंपियन बना था।
गैरी सोबर्स के बाद कन्हाई को वेस्टइंडीज की टीम की कप्ताना भी रहे औऱ 1992 में वह नेशनल टीम के कोच भी बने।
3. एल्विन कालीचरण
क्रीज पर सतर्क और अपने शांत व्यवहार के लिए मशहूर वेस्टइंडीज के पूर्व ऑलराउंडर एल्विन कालीचरण भी भारतीय मूल के हैं। सोनी रामधिन और रोहन कन्हाई के बाद वह वेस्टइंडीज के लिए खेलने वाले भारतीय मूल के तीसरे खिलाड़ी थे। कालीचरण 1972 से 1981 तक वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे और उन्होंने 66 टेस्ट और 31 वन डे खेले।बाएं हाथ के बल्लेबाज इस बल्लेबाज़ ने भारत के खिलाफ 187 बनाकर अपना सबसे बड़ा स्कोर बनाया था। वह 1975 और 1979 की वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा भी थे। भारत के खिलाफ पहले 2 टेस्ट से बाहर हुआ श्रीलंका का सबसे बड़ा खिलाड़ी
4. शिवनारायण चन्द्रपॉल
वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर शिवनारायण चन्द्रपॉल भी भारतीय मूल के हैं। चन्द्रपॉल का जन्म गुयाना में हुआ था लेकिन उनका परिवार भारत से ही था। अपनी अजीबोगरीब बैटिंग स्टांस के लिए मशहूर रहे चन्द्रपॉल टेस्ट क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक हैं। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में शिवनारायण चन्द्रपॉल (11867 रन) सातवें नंबर पर हैं। टेस्ट रनों के मामले में वह महान क्रिकेटर ब्रायन लारा (11953 रन) से थोड़ा ही पीछे हैं। यही नही चन्द्रपॉल वेस्टइंडीज के लिए 100 टेस्ट मैच खेलने वाले भारतीय मूल के अकेले खिलाड़ी हैं। उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए सबसे ज्यादा 164 टेस्ट मैच खेले हैं।
5. नासिर हुसैन
इंग्लैंड के क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन कप्तानों में से एक नासिर हुसैन भी भारतीय मूल के हैं। नाश्वान के नाम से मशहूर नासिर का जन्म मद्रास (जो अब चेन्नई है) में हुआ था। नासिर के पिता जवाद (जॉय) भारतीय मुस्लिम थे जबकि उनकी मां ब्रिटिश थी। उनके पिता ने तमिलनाडु के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेला। लेकिन जब नासिर हुसैन सिर्फ 7 साल के थे तब उनका परिवार एसेक्स जाकर बस गया और वहीं नासिर ने क्रिकेट खेलना सीखा।