धोनी के बारे में अहम खुलासा: क्या खत्म हो रहा है धोनी का मैच "फिनिशिंग टच"

Updated: Mon, Sep 05 2016 19:00 IST
धोनी के बारे में अहम खुलासा: क्या खत्म हो रहा है धोनी का मैच फिनिशिंग टच ()

धोनी पर बनी फिल्म धोनी द अनटोल्ड स्टोरी में एक सीन है जिसमें क्रिकेट सिलेक्टर यह कह रहे हैं कि “धोनी का खेल दिन प्रतिदिन बड़ा होते जा रहा है “..लगता है फिल्म का यह डायलॉग धोनी के वर्चस्व के दिनों की याद दिलाता है। लेकिन फ्लोरिडा में हुए पहले टी- 20 में धोनी के असफल होने के बाद सभी के जेहन में एक सवाल यकिनन उठ रहा होगा कि जिस क्रिकेटर को   क्रिकेट की दुनिया ने सबसे अच्छा फिनिशर 'करार दिया है वो" फीनिशर" धीरे- धीरे अस्त होते जा रहा है? 5 ऐसे मौके जब धोनी साबित हुए फुस्स, नहीं जीता पाए भारत को

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी- 20 में धोनी अंतिम गेंद पर 2 रन बनाने से चुक गए। यह एक ऐसी घटना थी जो धोनी के परफॉर्मेंस के गिरते ग्राफ को बखुबी दर्शा रहा है।
इस मैच में हार के बाद दूसरे टी- 20 में बारिश के खलल के बाद मैच को रद्द करना पड़ा और फिर इसका खामियाजा भारत को सीरीज गंवा कर  भरनी पड़ी। ब्रेकिंग न्यूज: फाइटर युवराज सिंह की वापसी होगी इंटरनेशनल क्रिकेट में क्योंकि..

यह बात किसी को हजम नहीं हो पा रही है कि कैसे धोनी गेम को खत्म करने से चुक जा रहे हैं। खासकर धोनी के फैन्स को बड़ा झटका लगा है। रोहित शर्मा के 264 रन के रिकॉर्ड को तोड़ने से चुका यह बल्लेबाज

धोनी की बल्लेबाजी की हमेशा खासियत रही है कि वो जब तक बल्लेबाजी करते हैं स्कोरबोर्ड को बनाए रखते हैं। लेकिन साल 2014 के बाद धोनी इस मामले में कमजोर दिखाई दिए हैं।
कुछ आंकड़े ऐसे ही बयान करते हैं। आईए नजर डालते हैं कुछ 6 ऐसे आंकड़ों पर जब धोनी को अंतिम ओवर तक बल्लेबाजी करने का मौका मिला जिसमें 4 दफा टीम हारी और 2 बार धोनी जीत दिला पाए ।  झटका: इस मामले में एक बार फिर जो रूट ने किंग कोहली को पछाड़ा

 ( साल 2014 से अबतक, अंतिम ओवर में धोनी)
         
# साल 2014 में बर्मिघम में खेले गए इंग्लैंड के खिलाफ टी- 20 के अंतिम ओवर में भारत को 17 रन की दरकार थी लेकिन धोनी असफल रहे।
# साल 2015 कानपुर में खेले गए साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे मैच के  अंतिम ओवर में 11 रन की दरकार, धोनी असफल।
# साल 2016 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी वनडे के अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए 13 रन की दरकार, धोनी सफल रहे।
# साल 2016 के वर्ल्ड टी- 20 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए 4 रन की दरकार, कोहली की शानदार बल्लेबाजी, भारत को जीत मिली, धोनी अंतिम ओवर तक मौजूद थे।
# जिम्बाब्वे जैसी छोटी टीम के खिलाफ अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए 8 रन की दरकार, भारत मैच हारा।
# वेस्टइंडीज के खिलाफ फ्लोरिडा टी- 20 में भारत को अंतिम ओवर में जीत के लिए 8 रन की दरकार, धोनी पूरी तरह असफल रहे।

ये ऐसे आंकड़े है जो यह बतानें के लिए काफी है कि आमूमन धोनी मैच को बिल्कुल करीब लाते हैं। लेकिन साल 2014 से अबतक धोनी मैच को बदलने में असफल रह रहे हैं। इसके पीछे काफी कम क्रिकेट खेलना है या फिर उम्र का तकाजा जो धोनी की सोच पर हावी हो रही है। BREAKING: इस टीम से भी बाहर हुए मिस्टर कूल धोनी, कोहली ने बनाई जगह

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी-20 मैच के बाद धोनी ने बयान दिया कि अंतिम गेंद को खेलने के लिए सोच सही थी लेकिन खेलने का तरीका नहीं निकाल पाया।BREAKING: एबी डिविलियर्स ने किया कोहली के बारे में ये बड़ा और हैरत भरा ऐलान ऐसा क्यों हुआ धोनी के साथ ..मसलन धोनी के द्वारा ये शब्द किसी भी क्रिकेट पंडित को विचलित कर सकते हैं। एक ऐसा शख्स जो अपने गेम प्लान के लिए पॉपुलर था वो अचानक से अपने गेम को लेकर ऐसा कहने लगा किसी के गले नहीं उतर रहा होगा।

समय के साथ खिलाड़ी के मनोदिशा पर भी फर्क आता है शायद धोनी के साथ भी अंतिम गेंद पर ऐसा ही हुआ होगा। जिस गेंद पर धोनी आउट हुए उसी मैच में ड्वेन ब्रावो की बिल्कुल वैसी ही गेंद पर धोनी आउट होने से बचे थे, तो क्या धोनी अपनी सोच को ऐन मौके पर गेंद को खेलने के क्रम में बदल नहीं पाए..

अभी कुछ वक्त पहले आईपीएल 2016 में धोनी ने 1 ओवर में 23 रन बटोरकर धमाकेदार जीत अपनी टीम पुणे सुपरजाएंट्स को दिलाई थी, उस ओवर में धोनी की सोच क्या रही होगी। आईपीएल के इस मैच के बाद धोनी ने कहा था कि ऐसी परिस्थिती में आपके पास ज्यादा सोचने के लिए कुछ नहीं होता है और ना ही आपके पास कोई तरीका होता है।

तो क्या धोनी के सोच में अंतर आया है, यदि वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतिम गेंद पर धोनी बिना किसी सोच के साथ खेलते तो क्या परिणाम कुछ और होता..?? झटका: BCCI ने धोनी की जगह विराट कोहली को बनाया टी-20 कप्तान

किसी भी खिलाड़ी के लिए एक जैसा परफॉर्मेंस हमेशा देना काफी मुश्किल भरा होता है। लेकिन धोनी ने हमेशा मैच को अंतिम ओवर तक लाकर मैच में रोमांच लाने की कोशिश की है। लेकिन वेस्टंडीज के खिलाफ पहले मैच में धोनी के दिमाग पर ब्रावो की अक्लमंदी ने काम कर दिया था। क्या अब धोनी समय के साथ गेंदबाजों की दशा पढ़ने में नाकामयाब हो रहे हैं?

इस सवाल का उत्तर खुद धोनी को देना होगा...

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