अनिल कुंबले ने विराट कोहली की बल्लेबाजी पर उठाए सवाल, स्पिनरों के विरुद्ध ज्यादा आक्रामक हो सकते थे
इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में मिली 10 विकेट की शर्मनाक हार में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए छह विकेट के नुकसान पर 168 रन का स्कोर खड़ा किया। इसमें सबसे बड़ा योगदान हार्दिक पांड्या का रहा जिन्होंने 33 गेंदों पर 63 रन बनाए। 10 ओवरों की समाप्ति पर भारत का स्कोर केवल 62 रन था। भारत के पूर्व कोच अनिल कुंबले ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा कि कि विराट कोहली इंग्लैंड के स्पिनरों के विरुद्ध अधिक आक्रामक हो सकते थे। उन्होंने साथ ही कहा कि भारत को कुछ ऐसे बल्लेबाजों की जरूरत है जो कुछ ओवर डाल सकें।
सलामी बल्लेबाज के एल राहुल ने पांच गेंदों पर पांच और रोहित शर्मा ने 28 गेंदों पर 27 रन बनाए। विराट कोहली को अर्धशतक बनाने में 40 गेंदें लगी तो वहीं इस विश्व कप में टीम के संकटमोचक रहे सूर्यकुमार यादव 14 रन बनाकर आउट हुए। इन चार बल्लेबाजों ने 83 गेंदों पर केवल 10 चौके और दो छक्के लगाए।
कुंबले ने कहा, "आदिल रशीद को पूरा श्रेय दिया जाना चाहिए। वह गेंद को घुमा रहे थे और खेलना इतना आसान नहीं था। मार्क वुड की अनुपस्थिति में इंग्लैंड ने उम्मीद की होगी कि कोई और अपना हाथ खड़ा करेगा और इसमें लियम लिविंगस्टन के इतने ओवर डालने की उम्मीद कम ही रही होगी।"
उन्होंने आगे कहा, "इस दौर में आप विराट जैसे किसी से उम्मीद की होगी कि वह हावी होंगे। क्रीज पर रहने तक केवल सूर्या ने ऐसा किया, हार्दिक ने भी आकर अपना समय लिया। जब दो स्पिनर गेंदबाजी कर रहे थे तब मुझे कुछ और बाउंड्री की या लिविंगस्टन पर अधिक दबाव बनाते देखने की उम्मीद थी।"
बल्ले के साथ रोहित का संघर्ष इस मैच में भी बरकरार रहा। पारी में चार चौके जड़ने के बावजूद उनका कुल स्ट्राइक रेट 100 से कम था।
इसी कार्यक्रम में टॉम मूडी ने कहा, "मुझे लगा कि यह पारी दो अलग-अलग भागों की थी। पहले भाग में भारत काफी रक्षात्मक था और आक्रामक रवैया था ही नहीं। हम सभी जानते हैं कि एडिलेड में स्क्वेयर बाउंड्री छोटी है और हमने अंत में देखा कि पारी के अंत में लेग और ऑफ साइड पर चौके लगाना कितना आसान था। और अगर हार्दिक पांड्या की धमाकेदार पारी नहीं होती तो भारत 160 के पार नहीं बल्कि 150 तक ही पहुंचता।
रोहित शर्मा की कप्तानी पर मूडी ने कहा, वह इस टूर्नामेंट में शीर्ष क्रम में कई कप्तानों की तरह दिखे हैं, जिन्होंने अपने खेल में लय और टाइमिंग खोजने के लिए संघर्ष किया है। हमने केन विलियमसन के साथ, आरोन फिंच के साथ, बाबर आजम के साथ ऐसा होते देखा। वे अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें अपनी लय नहीं मिली है।"
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मूडी ने कहा, "आपको पहले 10 ओवरों को देखना होगा - जितनी डॉट गेंदें खेली गई, जितनी कम बाउंड्री लगाई गई, भारत पीछे मुड़कर इसे देखेगा और सोचेगा कि गलती हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय बल्लेबाज विशेष गेंदबाजों पर हावी नहीं हुए जिससे लियम लिविंगस्टन और बेन स्टोक्स को किफायती ओवर डालने का मौका मिला।"